शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

ये देखो क्या कर गई तुम।

ये देखो क्या कर के गई तुम।
किसीको जिना सिखा कर गई तुम।
किसीको हसना सिखा कर गई तुम।
किसीको प्यार करना सिखा कर गई तुम।
किसीको रोना भी सिखा कर गई तुम।
मेरे बारे में ना सोच कर मुझे यूँ छोड़ कर गई तुम।
पर ये देखो क्या कर गई, तुम।
किसीको जीनेका मतलब सिखा कर गई तुम।
आंसुओ की कीमत समझा कर गई तुम।
रिश्तो की कीमत क्या होती,हैं वो बता कर गई तुम।
जुदाई का अनुभव दे कर गई तुम।
एक सामान्य लड़के को पागल कर गई तुम।
और एक पागल को "शायर"  कर के गई तुम।
देखो न क्या क्या कर गई तुम।

मंगलवार, 6 नवंबर 2018

यार याद तो बोहोत आती है, वो दीवाली।

बदला ये जमाना, बदले संस्कृति के रंग।
बदला ये तरीका , बदले त्योहारो के ढंग।
बदली इंसानो की प्यार की प्रीत।
बदल गया खुद इंसान।
बदल डाली सारी रीत।
कर रहा है,खुद अपनी मनमानी।
यार,याद तो बोहोत आती है, वो दीवाली।

वो त्योहारो में सबके घर जा कर मिलना।
कुछ तोफो और मिठाई देकर मिलना।
अब कहा खुद की कमाई में मनाती थी।
माँ जब घर मे खुद अपने हाथों से मिठाई बनाती थी।
अब तो लगता है,यह बस हैं एक कहानी।
यार,याद तो बोहोत आती हैं, वो दीवाली।

जब आँगन में बैठ कर कुछ बाते बतियाते थे।
आशिर्वाद लेने बुज़ुर्गो का हम गांव भी जाते थे।
अब नही है, फुरसत अपने अपने काम से।
मिलना तो छोड़ो बात भी नही होती आराम से।
वो दोस्तो के साथ मिलकर पूरा शहर घूम लेते थे।
उस की गल्ली से गुजरकर,उसे रंगोली बनाते भी देख लेते थे।
वो सुंदर सुंदर कल्पनाओ के रूह से वो बनाती है।
फिर पता चला यारो।
वो मुँह ही नही रंगोली भी अच्छा बना लेती है।
तब पूरे मोहल्ले के साथ पटाखे फोड़ते थे।
खुशियो से सब झगड़े भुलाकर दिलो से दिल जोड़ते थे।
अब पटाखे भी फोड़ते है, तो कोई खुशी नही होती।
अब तो वो रौनक घर मे नही होती।

बढ़ रही मंहगाई,महंगे हो गये शृंगार  यारो,इतने में कैसे धूम-धाम से मनाये त्योहार।
पटाखों के धुंये में भी इकरा है।
सरकार भी कह रही है, इसमे खतरा है।
हमारे रास्ते भी कुछ अंधेरे से हो गये।
जब जलाने लगे फुलझड़ी तो, 
हम अकेले से हो गये।
अकेली सी ये दीवाली।
अकेले से ये त्योहार हो गये।
जब घर के बच्चे किसी दूसरे शहर के हो गये।
अब सब ये शृंगार कहानी जैसा नही लगता।
ना कोई अब कोई त्योहार दीवाली जैसा नही लगता।
                           ✍शायर शुभम✍
शुभम देशमुख
जि. भंडारा,महाराष्ट्र
7709721433

शनिवार, 6 अक्टूबर 2018

क्यू होता है, ऐसा ??

क्यू होता है ऐसा ?

कभी जाने

कभी अनजाने में।

कभी गलती से तो कभी जानबूझकर

कभी थोड़ा तो कभी ज्यादा।

कभी कम तो कभी बोहोत ही ज्यादा।

ये होता है मेरे ख्वाब के जैसा 

क्यू होता है, ऐसा ?

कभी मैं हस कर रोता हु।

तो कभी रो कर हस देता हूं।

अपनी दिल की बाते यूँ तो साफ साफ कह देता हूँ।

सब पर यकीन जल्दी हो जाता है,

मेरे दिल को जैसा।

क्यू होता है ऐसा ?

रात अकेले में जब हम खुद के निकट होते हैं।

आसुओ संग अपने करीब होते है।

ना जाने दिल की हसरत मुझे कब तक रुलायेगी।

मेरे ख्वाबो की शहजादी जाने कब तलक आयेगी ?

फिर भी इस बीच हर कोई क्यू पूछता है, मुझे तू है कैसा ?

आखिर क्यू होता है ऐसा ??

पापा के सवालों से भी ना बच पाता हूं।

होकर खामोश कुछ कह भी ना पाता हूं।

मेरे मष्तिक में बस तुम्हारा ही ख्याल आता है।

तुम क्यू हो इस दिल मे यही सवाल मुझे बार बार आता है।

इन सारी कल्पनाओ से अभी तक वंचित हो रहा मैं जैसा ।

आखिर क्यू होता है, ऐसा ?????

शुक्रवार, 28 सितंबर 2018

शहीद वीर भगत सिंह

आज दिनांक 28/9/2018 

आज से 111 साल पहले पंजाब के लायलपुर जिल्हे के बंगा गांव में सरदार किशन सिंह और विद्यावती कौर के यहां  एक वीर पुत्र ने जन्म लिया था।

बचपन से ही देश प्रेम तथा मदद के लिए सदैव तत्पर ऐसे व्यकि ने तब फाँसी के फंदे को फूलो की हार समझकर तथा देश के स्वतंत्रता का प्रथम चरन मान कर देश के लिए शहीद हुए थे, जिस उम्र में आज कल के नौजवान को ये नही समझता कि उन्हें जीवन मे करना क्या है ?

     उनका मुख्य उद्देश्य क्या है। आज का नौजवान किसीके प्यार में मिली हार के बाद खुद को मिटा देता है। नही तो प्यार में मिले इन्कार के बाद उस पर तेजाब फेंक देता है ??

उस वक़्त उस उम्र में देश की आज़ादी के लिए बलिदान देना तथा अपनी ज़िंदगी देश के लिए कुर्बान करना छोटी बात नही है।

वर्ना आज का युवा मोहोब्बत करना मतलब अपनी मेहबूबा से ही करना जानता है।

     सलाम है शाहिद भगत सिंग को।

     सलाम है उन सभी युवा जवानों को जो देश प्रेम के भाव से देश की रक्षा करने को सदैव तत्पर है।

मंगलवार, 25 सितंबर 2018

मंहगाई पर कुछ बोलो जी।

कब तक होते रहेंगे ये भ्रष्टाचार ?

कब तक होता रहेगा किसानों पर ये अत्याचार ?

तेजी से बढ़ रही है , महगाई

अब तो मोदी जी तुम कुछ बोलो जी ।

इस मंहगाई पर कुछ बोलो जी।

ये मौन तुम्हारे खलते है।

रोज़ रोज़ बढ़ रहे ये पेट्रोल के भाव 

दिल भी सबके जलते है।

भ्रष्टाचारी कर रहे है, विदेशो में मौज मज़ा।

हमारे देश के हर नागरिक को मिल रही है,

रोज सजा।

माल्या, नीरव खुशिया मना रहा है।

एक देश से दूसरे देश भटक रहा है।

कर्जे में डूबा बिचारा किसान आत्महत्या कर लटक रहा हैं।

ये अन्याय बोहोत सह लिये। 

अब ना सहा जायेगा।

इन चोरो को तुम

बंद करवा दो।

अब कोई करे बलात्कार मासूमो पर तो उन्हें सीधे फाँसी चडवा दो।

कुछ ऐसा कानून बनवा दो।

बोहोत हो गया ये मौन भी तुम्हारा तुड़वा दो।

हम सब को इस मंहगाई की जेल से छुड़वा दो।

कर के नोटबंधी भ्रष्टाचारियो को सबक सिखाया।

लगा कर GST ये भी नया कानून बनाया।

सारे चोर उच्चकों को एक ही दिन में बोहोत सताया।

हम सब मानते है, देश के लिये बोहोत कुछ अच्छा जो तुमने किया है।

हमने कब कहा कि तुमने कुछ काम नही किया।

ये जो सारे दुनिया मे भारत का नाम किया।

पर जब भी आती ये मंहगाई की बात तब ये मौन तुम्हारे खलते है।

रोज़ रोज़ बढ़ रहे ये पेट्रोल के दाम देख दिल भी सबके जलते है।

शनिवार, 23 जून 2018

माझे काही प्रश्न

माझे काही प्रश्न

आयुष्याचा कठिन डोंगरातून वडून 

माझ्या हुर्दयतून निघुन।

तू त्या पाण्याचा ठेम्बा सारखी आहे।

जो पड़ता क्षणी त्यांचात मिसडुन जाते।

माझे काही प्रश्न आहेत,

विचारनार तुला त्या दिवशी 

ज्या दिवशी तुझी आणि माझी भेट होणार या लायकी ची होणार तू।

काय विसरली तू कसे आपन दोघे या निसर्गाचा वादित कुठतरी निघुन जायच।

माझा हाथ तुझा हातात आणि

तुझा हाथ माझ्या हातात राहयच।

आता मी नही तर काय तो पण तुझा हाथ

तसाच प्रेमाणे 

पकडून चालतो काय ?

आणि मग अचानक विजनचा गड़गडात होत असल्याने तु पण तसिच त्याला चिकटुन जाते जसा मला जोरात पकडून हडुच माझा कानात म्हणायची की "मला भीती वाटत आहे।"

त्याचा पण कनात तसाच प्रेमाने म्हणते काय ??

जसा मला म्हणायची।

माझे काही प्रश्न आहेत, 

विचारनार तुला त्या दिवशी

ज्या दिवशी तुझी आणि माझी भेट होणार या लायकी ची होणार तू।

काय तुज़्या लहानपणी ची सर्व फ़ोटो  त्याला पण दाखवली काय ??

आणि त्याला पण अस म्हंटल काय की हे फ़ोटो आता पर्यंत मी कोणाला नाही दाखवली।

काय त्याचा सोबत पण तसाच लड़ाने बोलते काय ??

जेव्हा तो तुझ्याशी रुसुन जायचे।

जसा मी रूसायचे।

मग त्या नंतर त्याला पण तसिच मीठी देते काय जसा मला दयाची।

काय त्याचा पण वाढदिवसचा एका दिवशी आधी तु wish करणे विसरते काय ???

जसे मला wish करना दर वर्षी तु विसरायची।

आणि मग दुसऱ्या दिवशी दिवसभर call करुण wish करायची।

काय त्याला पण तसाच wish करते काय ??

जसा मला करायची।

बोल न।

काय तो तुला तसाच प्रेम करते काय ?

जसा मी करायचं।

बोल न।

माझे काही प्रश्न आहेत,

विचारनार तुला त्या दिवशी

ज्या दिवशी तुझी आणि माझी भेट होणार या लायकी ची होणार तू।