आज दिनांक 28/9/2018
आज से 111 साल पहले पंजाब के लायलपुर जिल्हे के बंगा गांव में सरदार किशन सिंह और विद्यावती कौर के यहां एक वीर पुत्र ने जन्म लिया था।
बचपन से ही देश प्रेम तथा मदद के लिए सदैव तत्पर ऐसे व्यकि ने तब फाँसी के फंदे को फूलो की हार समझकर तथा देश के स्वतंत्रता का प्रथम चरन मान कर देश के लिए शहीद हुए थे, जिस उम्र में आज कल के नौजवान को ये नही समझता कि उन्हें जीवन मे करना क्या है ?
उनका मुख्य उद्देश्य क्या है। आज का नौजवान किसीके प्यार में मिली हार के बाद खुद को मिटा देता है। नही तो प्यार में मिले इन्कार के बाद उस पर तेजाब फेंक देता है ??
उस वक़्त उस उम्र में देश की आज़ादी के लिए बलिदान देना तथा अपनी ज़िंदगी देश के लिए कुर्बान करना छोटी बात नही है।
वर्ना आज का युवा मोहोब्बत करना मतलब अपनी मेहबूबा से ही करना जानता है।
सलाम है शाहिद भगत सिंग को।
सलाम है उन सभी युवा जवानों को जो देश प्रेम के भाव से देश की रक्षा करने को सदैव तत्पर है।